सुक्खू बोले- लगातार 60 घण्टे का रेस्क्यू अभियान, 60 हजार पर्यटकों को घर भेजा
- By Arun --
- Thursday, 13 Jul, 2023
Sukhu said - 60 hours of continuous rescue operation, sent 60 thousand tourists home
शिमला:बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड के कारण हिमाचल पर आई विपदा का सरकार और प्रशासनिक मशीनरी ने गजब का मुकाबला किया है। हिमाचल सरकार ने लगातार 60 घंटे तक पूरी ताकत झोंककर प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर फंसे 60 हजार सैलानियों को सुरक्षित उनके घर भेजा है। यह बात सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लू एवं मण्डी का दौरा करने के बाद मीडिया से कही।
सीएम ने कहा कि वे खुद पिछले 3 दिन से कुल्लू, लाहुल-स्पिति तथा मण्डी में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि कुल्लू एवं लाहौल-स्पिति जिला के विभिन्न स्थानों पर लगभग 70 हजार पर्यटक एवं अन्य लोग फंसे हुए थे, इनमें से 60 हजार लोगों की सुरक्षित वापसी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इस बचाव अभियान को 1000 कर्मचारियों, अधिकारियों ने चौबीसों घण्टे युद्धस्तर पर कार्य करते हुए संभव बनाया।
चंद्रताल का रेस्क्यू सबसे चुनौतीपूर्ण
सीएम ने कहा कि सबसे चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान लाहुल-स्पिति के चन्द्रताल (Chandratal) में फंसे पर्यटकों की सुरक्षित वापसी रही। लैंडिंग स्थल उपलब्ध न होने के कारण वहां वायुसेना का हेलीकाप्टर उतारना संभव नहीं था। प्रदेश सरकार की ओर से राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी तथा मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी बचाव अभियान की निगरानी के लिए भारी बर्फबारी के बीच शून्य से नीचे तापमान में तीन जेसीबी मशीनों के साथ तड़के सुबह दो बजे ग्राउंड जीरो (चन्द्रताल) पर पहुंचे।
इसके उपरान्त 57 वाहनों के माध्यम से लगभग 250 पर्यटकों को वहां से सुरक्षित काजा लाने के साथ ही यह अभियान पूरा हुआ। उन्होंने अभियान से जुड़े सभी लोगों का उनके सक्रिय सहयोग एवं अथक प्रयासों के लिए आभार भी व्यक्त किया।
तीर्थन और कसोल में अभी भी सैलानी मौजूद
सीएम ने कहा कि अभी भी तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में काफी संख्या में पर्यटक हैं और उनमें से अधिकांश ने अपनी गाड़ियों सहित ही घर वापसी की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि चूंकि भारी बारिश से सड़कों को व्यापक नुकसान पहुंचा है, ऐसे में यातायात सामान्य करने में समय लग सकता है। प्रदेश सरकार ने उन्हें गाड़ियां वहीं छोड़कर सार्वजनिक परिवहन सेवा के माध्यम से घर वापसी का विकल्प दिया है। पर्यटकों को उनकी गाड़ियों से संबंधित एक पावती भी जिला व पुलिस प्रशासन के माध्यम से दी जाएगी। उसी के आधार पर सड़क मार्ग बहाल होने पर उन्हें उनकी गाड़ियां वापस उपलब्ध करवाई जाएंगी।
इन पर्यटकों से संवाद के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को भी कसोल भेजने के निर्देश दिए गए हैं। एक सवाल के जवाब में सुक्खू ने कहा कि तीर्थन तथा कसोल क्षेत्र में कुछेक इजरायली पर्यटक भी हैं और इजरायली दूतावास की ओर से उन्हें अपने स्तर पर हैलीकाप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकालने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर प्रदेश सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि घाटी में सभी विदेशी पर्यटक सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन सहित सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करवाई जा रही हैं।
सीएम बोले- सभी प्रभावितों को एक-एक लाख
सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक बाढ़ प्रभावित परिवारों को 50 लाख रुपये की राहत राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राहत राशि में बढ़ोत्तरी करते हुए सभी प्रभावितों को एक-एक लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। सीएम ने किन्नौर जिला के कड़छम, कुप्पा और सांगला घाटी का दौरा भी किया और वहां हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने टापरी उप-तहसील के चोलिंग में स्थित सेना के राहत शिविर में सांगला से सुरक्षित निकाले गए लोगों से संवाद किया।
किन्नौर जिले में बादल फटने की घटना के बाद वहां फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव दल ने बेहतरीन कार्य करते हुए 118 लोगों को हैलीकाप्टर की 6 उड़ानों में सांगला से चोलिंग (कड़छम) सुरक्षित पहुंचाया गया है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए उन्होंने जिला प्रशासन और भारतीय सेना की भी सराहना की।